Text selection Lock by Hindi Blog Tips

Tuesday, October 15, 2013

''मिलन ''




बन कर मैं एक चंचल धारा
बहते बहते जा ही मिलूंगी
प्रिय से ,जो है
सागर प्यारा


मैं बन कर सौंदर्य कमलिनी
एक पोखर में खिली रहूंगी
उड़ते उड़ते आ ही मिलेगा ,मेरा प्रिय
वह श्यामल भंवरा


हिम आच्छादित 'शैल 'शिखर बन
प्रिय स्पर्श का ध्यान करूंगी
पिघल पडूँ  आगोश में जिसके
है कोई क्या रवि किरन सा ?

      ..........नीना शैल भटनागर
 

10 comments:

  1. मिलन ..!

    बहुत ही सरस और अत्यंत ही अनुपम भाव अभिव्यक्ती ... !

    शुभकामनायें !

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार अनुराग जी ...इसी प्रकार अपने बहुमूल्य शब्दों की वर्षा करते रहिएगा ...:)

      Delete
  2. आपकी सारी रचनायें पढी, लाजवाब हैं सब. ब्लाग भी खूबसूरत दिख रहा है. बहुत सारी शुभकामनायें

    ReplyDelete
    Replies
    1. तहेदिल से शुक्रिया गीता दीदी ...इसी प्रकार मनोबल बढ़ते रहिये और यहाँ आते जाते रहिये .....:)

      Delete
  3. Replies
    1. हार्दिक आभार आपकी उपस्थिति का और रचना को पसंद करने का ....आपकी प्रतीक्षा पुनः रहेगी ......:)

      Delete
  4. अंतस मे उठते कविमन को बहुत ही अच्छे भावों से सुसजित कर दिया आपने निसंदेह धाराप्रवाह पढ़ने के लिए प्रेरित करती रचना ,,,, बधाई आपको

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद आपका गुनेश्वर जी ...इसी प्रकार अपना सहयोग और समय यहाँ देते रहिएगा ...मुझे बहुत प्रसन्नता हुई आपकी उपस्थिति से ....:)

      Delete
  5. आपकी सारी रचनायें पढी, लाजवाब हैं सब...

    ReplyDelete
    Replies
    1. आभार आपका मंजू जी कि आपने अपना समय मेरी रचनाओं को दिया ...आपकी टिप्पड़ियाँ मेरे लिए बहुमूल्य हैं ...बहुत बहुत आभार .... भविष्य में भी प्रतीक्षा रहेगी ...:)

      Delete