Text selection Lock by Hindi Blog Tips

Monday, October 21, 2013

एहसास


             
अब और कुछ न कहो मुझसे
कहीं मन का मयूर फडफडा न उठे
देखो , छूना भी नहीं तुम मुझको
कहीं तन के तार झनझना न उठें

       अगर ऐसा हुआ तो
       रोक नहीं पाऊँगी मैं .....

              चूड़ियों की खन खन
              पायल की छम छम
              लबों की थरथराहट
               साँसों की गरमाहट

देखो यूँ न खींचो आँचल मेरा
दिल मेरा सौ बार मचल जायेगा
रोको अपनी उठती नज़रों को
तूफ़ान बंधा है सीने में , फ़िसल जाएगा

         अगर ऐसा हुआ तो
         रोक नहीं सकोगे तुम......
         
          संग मेरे बह जाओगे
          पास बहुत आ जाओगे
          सराबोर कर प्रेम लहर में
           दूर तो न हो जाओगे ? 
                 
                 
  ...........नीना शैल भटनागर  
                     



                                    

8 comments:

  1. सुंदर गीत मन मे उत्पन्न भावों से सहज रूप मे रचना बन पड़ी है ,,, बहुत ही सौम्य पढ़ने मे निसंदेह शीतलता का एहसास होता सा ,,, बधाई आपको अच्छी रचना के लिए

    ReplyDelete
  2. धन्यवाद गुनेश्वर जी , आपकी मुक्त कंठ से प्रशंसा से मेरा मनोबल वर्धन हुआ है ...आपकी इसी प्रकार की उपस्थिति की भविष्य में भी प्रतीक्षा रहेगी ....:)

    ReplyDelete
  3. खूबसूरत रचना के लिए बधाई नीना जी ---मंजुल

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद , मंजुल जी आपकी सराहना का ...:)

      Delete
  4. बहुत खुबसूरत रचना नीना जी ,बधाई और भी आप द्वारा रचित रचनाएँ पढने को मिलेंगी की कामना करती हूँ

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद मंजू जी , प्रयत्न करूंगी कि और भी रचनायें यहाँ पोस्ट करूँ , बहुत बहुत धन्यवाद आपकी उपस्थिति का .....:)

      Delete